नमस्कार दोस्तों, हमारी वेबसाइट ilimain.com में आपका दिल से स्वागत है। आज की पोस्ट में मैं आपके साथ शेयर करने जा रहा हूँ – पल्स कैंडी बनाने वाली कंपनी की सफलता की कहानी, Happy Birthday My Love Images.
पल्स कैंडी बनाने वाली कंपनी की सफलता की कहानी
बचपन में सबसे ज्यादा लोग कैंडी खाना पसंद करते हैं, और आज हम इस लेख में एक पॉपुलर कैंडी पल्स कैंडी की Success Story के बारे में Case study लेकर आये हैं! हमें पूर्ण आशा है आपने भी पल्स कैंडी के बारे में पहले जरुर सुना होगा और खाई भी होगी! पर क्या आप जानते हैं इस कंपनी में इतनी अच्छी ग्रोथ कैसे हुई तथा एक रुपए की कैंडी बेचने वाली कंपनी आज करोड़ों रुपए की मालिक कैसे बन गई। यह लेख बहुत महत्वपूर्ण तथा Interesting होने वाला है, क्योंकि बच्चों की सबसे पसंदीदा कैंडी के बारे में हम आपको जानकारी प्रदान करेंगे। तो आइये जानते हैं इस कंपनी की सफलता की कहानी के बारे में.
पल्स कैंडी क्या है
पल्स कैंडी एक तरह की टॉफ़ी है, जिसे भारत की जानी-मानी कैंडी बनाने वाली कंपनी द्वारा बनाया जा रहा है. यह कैंडी देश के हर राज्य में बिकती है। यह बच्चों की सबसे पसंदीदा कैंडी है। इसका मार्केट में दाम केवल ₹1 है। इस कैंडी का स्वाद थोड़ा मीठा तथा थोड़ा खट्टा है। यदि सरल शब्दों में कहे तो यह कच्चे आम से बनाई गई एक कैंडी है। इसका ऊपरी कवर हरे रंग का होता है। इसके अंदर स्वाद के लिए सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है। यह कैंडी अन्य कैंडी के मुकाबले स्वाद में अच्छी होने के साथ ही इसकी गुणवत्ता भी अच्छी है।
पल्स कैंडी कंपनी
पल्स कैंडी बनाने वाली भारत की जानी-मानी कंपनी का नाम डीएस ग्रुप हैं जिसके संस्थापक सत्यपाल जी हैं। इस कंपनी का इतिहास ज्यादा लंबा नहीं परंतु इस कंपनी ने कम समय में अपनी पहचान पूरे भारत में बना ली है। इस कंपनी ने केवल 8 महीने में 100 करोड़ तक का बिजनेस कर किया! और वर्तमान में भी इस कंपनी के मार्केट का एक तिहाई हिस्सा इसी कैंडी का ही है। बेशक बहुत ही कम कंपनी ऐसी होती है जो इतने कम समय में अच्छा Growth कर पाती हैं। इस कंपनी ने अपनी गुणवत्ता और स्वाद को बहुत अच्छा बना कर रखा है इसलिए आज बच्चे हो या बड़े हर कोई पल्स कैंडी खाना पसंद करता है। अब इस कैंडी को बनाने वाली कंपनी विभिन्न स्वाद वाली कैंडी का निर्माण कर रही है और निरंतर अपने व्यापार का विस्तार कर रही है। इसलिए काफी कम समय में इस कंपनी ने आज दूसरी कैंडी बनाने वाली कंपनीयों को पीछे कर दिया है। दाम कम होने के कारण हर वर्ग का व्यक्ति इसे खरीद सकता है, परिणामस्वरुप बच्चों के बीच यह सबसे पसंदीदा कैंडी बन चुकी है!
पल्स कैंडी बनाने वाली कंपनी सफलता की कहानी
कंपनी का इतिहास
जैसा कि हमने बताया कि पल्स कैंडी बनाने वाली कंपनी का नाम डीएस ग्रुप है। इस कंपनी की शुरुआत 1929 में हुई थी। डीएस ग्रुप आम के स्वाद वाली कैंडी बनाने के लिए विख्यात है। यह कंपनी विभिन्न प्रकार की कैंडी बनाती है जो पूरे भारत में प्रसिद्ध है। डीएस ग्रुप ने फरवरी 2015 को गुजरात राज्य में सबसे पहले पल्स कैंडी का Trail किया। यह कैंडी उन लोगों को बहुत ज्यादा पसंद आई ।
इसकी डिमांड देखते हुए कंपनी ने सोचा कि हम इसे पूरे भारत में बेचेंगे और उन्होंने यह निर्णय लेकर अपनी कैंडी को पूरे भारत में बेचना चालू कर दिया। इस तरह से कंपनी का इतिहास ज्यादा लंबा नहीं है। केवल 5 से 6 सालों में इस कंपनी ने एक तिहाई कैंडी मार्केट पर अपना कब्जा कर लिया और बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण तथा स्वादिष्ट कैंडी बनाने वाली कंपनी बन गई।
कंपनी की स्थपना
डीएस कंपनी के मालिक पहले सामान्य वर्ग में थे। उनके पास ज्यादा धनराशि नहीं थी, डीएस ग्रुप की स्थापना 1929 में चांदनी चौक नई दिल्ली में हुई। इसके संस्थापक लाला धर्मपाल जी है, बाद में इनके पुत्र ने इस कंपनी को खुद चलाने का निर्णय लिया और इस कंपनी का नाम डीएस ग्रुप रखा। धर्मपाल के बेटे का नाम सत्यपाल है। इस तरह से यह कंपनी कार्य कर रही है।
कंपनी का मुख्य उद्देश्य
कंपनी ने हमेशा इस बात का ध्यान रखा कि इसके स्वाद और गुणवत्ता के साथ किसी प्रकार का समझौता ना करना पड़े। कंपनी इस बात को हमेशा से अपने कर्मचारियों को बताते रहती थी कि हमारा कारोबार केवल इसकी गुणवत्ता और स्वाद पर ही निर्भर है। इसमें हम किसी प्रकार की मिलावट नहीं करेंगे ।
पल्स कैंडी का निर्माण
डीएस कंपनी ने 2015 में पल्स नामक कैंडी बनाकर इसका ट्रायल गुजरात में शुरू किया। अधिकांश लोग इस कैंडी को पसंद करने लगे, कुछ लोग तो इसका पूरा डब्बा ही खरीद लेते थे और इसे बड़े चाव से खाया करते थे। यह बात देखते हुए कंपनी ने पूरे भारत में इसकी मार्केटिंग शुरू कर दी, कुछ समय ऐसा भी आया जब फर्जी कंपनियों ने इसके डुप्लीकेट कैंडी बनाना चालू कर दिया, परंतु स्वाद के मामले में वह वास्तविक कैंडी से पीछे रही और इस तरह पल्स कैंडी में अपना वर्चस्व कायम रखा।
पल्स कैंडी आईडिया कहां से मिला
डीएस कंपनी ने बहुत रिसर्च के बाद यह पता किया कि लगभग 50% भारतीयों को कच्चे आम का स्वाद ज्यादा पसंद आता है। उन लोगों को थोड़ा खट्टा खाना अच्छा लगता है। उस कंपनी ने इस बात का फायदा उठाया और अपनी पल्स कैंडी में ऐसे स्वाद डालें, जो कैंडी को थोड़ा खट्टा और मीठा बना पाए। जिसे बच्चा हो या बड़ा हर कोई खा सके। जैसा कि हम सब जानते हैं कच्चा आम खट्टा होता है यदि कंपनी केवल खट्टी कैंडी बनाती तो लोग उसे शायद ज्यादा पसंद नहीं करते।
पल्स कैंडी को सफलता कैसे मिली
पल्स कैंडी की सफलता का सबसे बड़ा राज उसकी गुणवत्ता तथा स्वाद है। इस कैंडी ने अपनी गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए किसी प्रकार का मिलावट नहीं किया है। इसके साथ ही इस कैंडी ने भारत के लोगों का स्वाद जाना तथा बच्चों को समझा कि उन्हें किस तरह की कैंडी पसंद आती है। जब उन्हें ऐसा लगा भारत के ज्यादातर लोग कच्चा आम खाना पसंद करते हैं। उसी को आधार बनाकर इस कैंडी ने अपने स्वाद में कच्चा आम का फ्लेवर डाला और उसमें कुछ मीठा पान भी डाला जिससे यह कैंडी कुछ ही समय में सफल हो गई।
पल्स कैंडी रैपर का रंग
हरा और काला क्यों रखा गया जैसा कि आप जानते हैं कच्चा आम हमेशा हरा होता है। आम का हिस्सा हरे रंग का दिखाई देता है। यह रंग लोगों को आकर्षित करने लगा तथा अन्य कंपनी की कैंडी के मुकाबले बड़े तेजी से लोगों में फैलता गया। हरे और काले रंग लोगों के दिमाग में सीधे असर करते हैं, क्योंकि हरा रंग प्रकृति से मिलता है और काला रंग एक विशेस दृश्य बनाता है। यह दोनों कलर एक साथ मिलकर पल्स कैंडी का रेपर बनाते हैं। इसमें काला और हरा रंग आधे आधे भागों में बांटा गया है और दोनों के बीच में पल्स का नाम लिखा गया है, कुछ हिस्से में सफेद रंग का भी इस्तेमाल किया गया है और उसके ऊपर नारंगी रंग का भी उपयोग किया गया है। पल्स नाम सफेद और नारंगी रंग से लिखा गया है।
पल्स कैंडी का प्रचार
यदि कोई चीज अच्छी है तो उसका प्रचार प्रसार अपने आप ही हो जाता है। उसके लिए किसी प्रकार की Campaigning करने की आवश्यकता नहीं होती है या किसी प्रकार के Advertisement चलाने की आवश्यकता नहीं होती है। शुरुआत में कंपनी ने Advertisement चलाएं, परंतु बाद में उन्हें कम कर दिया जब लोग पल्स कैंडी खाते थे तो उसका स्वाद इतना अच्छा था कि लोग स्वयं ही उसका प्रचार प्रसार करने लगे जैसे मित्र या अन्य किसी रिश्तेदार को इस कैंडी के स्वाद की तारीफ सुनने को मिलती थी और इस तरह से कैंडी का प्रचार होने लगा।
पल्स कैंडी की टैगलाइन
कंपनी अपने प्रोडक्ट के प्रचार के लिए कई प्रकार की टैगलाइन बनाती है जिससे उनको प्रचार करने में आसानी होती है। टैगलाइन बनाने से कंपनी की ब्रांडिंग हो जाती है। जिससे वह कंपनी टैगलाइन के माध्यम से विभिन्न टीवी, न्यूज़ पेपर, रेडियो आदि के माध्यम से प्रचार कर सकती है। वैसे ही पल्स कैंडी के लिए भी कंपनी ने एक टैगलाइन बनाई जो प्रचार करने के लिए सुविधा प्रदान करती है पल्स कैंडी की टैगलाइन ‘प्राण जाए पर पल्स ना जाए’ है।
कंपनी की मार्केट में पहचान और नाम
जब डीएस कंपनी ने अपना पहला ट्रायल गुजरात में किया तो लोग इसे अत्यधिक पसंद करने लगे क्योंकि इसमें किसी प्रकार का हानिकारक पदार्थ नहीं मिला था और लोगों को इसका स्वाद में कच्चा आम का स्वाद मिलता था। यदि देखा जाए तो कच्चा आम हर समय प्राप्त नहीं होता है, परंतु हम यह कह सकते हैं कि इस कैंडी के कारण साल भर कच्चे आम का स्वाद प्राप्त कर सकते हैं, इसीलिए यह लोगों के जुबान पर बस गया।
पल्स कैंडी की बढ़ती डिमांड
आज यह कैंडी भारत के लगभग हर राज्य में मिल जाती है क्योंकि इसका दाम इतना कम है कि कोई भी व्यक्ति आसानी से खरीद सकता है। इसके लिए इस कंपनी ने अलग-अलग स्वाद वाली कैंडी बनाई और इसकी डिमांड बढ़ती गई। कंपनी ने इस कैंडी के स्वाद के साथ-साथ इस कार्य पर भी बड़ा सुंदर बनाया है, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसकी डिमांड इसलिए बड़ी है कि क्योंकि इसमें खट्टापन के साथ साथ थो(ड़ा नमकीन और थोड़ा मीठा स्वाद भी है।
पल्स कैंडी कंपनी का सालाना टर्नओवर
आज इस कंपनी का सालाना टर्नओवर यानि नेटवर्थ 6600 करोड रुपए हो चुकी है और यह सालाना 12 से 14% की दर से प्रति समय बढ़ रही है. 2015 में इसकी नेटवर्थ 300 करोड़ की थी।
पल्स कैंडी बनाने वाली कंपनी
पल्स कैंडी बनाने वाली कंपनी नॉएडा में स्थित है जिसे आप 0120-4032200 पर कॉल करने कांटेक्ट कर सकते हैं.
पल्स कैंडी बनाने वाली कंपनी
इस कंपनी के शेयर प्राइस की बात करें तो आपको बता दें कि इस कंपनी का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 150 करोड़ की सेल है.
आशा करता हूं मेरे द्वारा दी गई जानकारी से संतुष्ट होंगे इस लेख का उद्देश्य पल्स कैंडी के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करना है ताकि इस बेहतरीन केंडी को खाने वाला हर शख्स इसके बारे में
FAQ
Q : पल्स कैंडी के फलेवर कौन-कौन से हैं ?
Ans : पल्स कैंडी अब आम, अमरूद, संतरा, पाइनएप्पल तथा लीची फ्लेवर में उपलब्ध है।
Q : क्या पल्स कैंडी शरीर के लिए हानिकारक है ?
Ans : यदि अधिक मात्रा में पल्स कैंडी खाई जाएगी तो वह हमारे शरीर को हानि पहुंचा सकती है।
Q : पल्स कैंडी के संस्थापक कौन है ?
Ans : पल्स कैंडी के संस्थापक DS Group के सीईओ सत्यपाल है।
Q : पल्स कैंडी के अंदर क्या-क्या होता है ?
Ans : पल्स कैंडी के अंदर आमचूर तथा सेंधा नमक होता है।
Final Word
मुझे उम्मीद है दोस्तों, कि आपको हमारी आज की पोस्ट पसन्द आई होगी। अगर पोस्ट पंसद आई हो तो इस पोस्ट को शेयर कीजिये। और कमेंट जरूर करें।