एलोवेरा जेल का व्यापार शुरू कैसे करें ( 1014 )

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एलोवेरा जेल का व्यापार शुरू कैसे करें

 

एलोवेरा जेल का व्यापार शुरू कैसे करें

 

 

एलोवेरा की बढ़ती मांग को देखते हुए इसका व्यवसाय करना काफ़ी लाभदायक सिद्ध हो सकता है. एलोवेरा का व्यापार आप दो तरह से कर सकते है, एक इसकी खेती करके और दूसरी इसके जूस या पावडर के लिए मशीन लगाकर. एलोवेरा का उपयोग हर्बल, कॉस्मेटिक उत्पाद, जूस और दवा कंपनियों इत्यादि में होता है, इसके उत्पादन में खर्च कम होने के साथ ही लाभ मार्जिन ज्यादा है. एलोवेरा अपने चमत्कारी गुण की वजह से दुनियाभर में बहुत लोकप्रिय है. इसमें विटामिन और खनिज भरपूर होते है, इसके साथ ही इसमें एंटीबायोटिक और एंटीफंगल जैसे गुण मौजूद होते है.

एलोवरा का खेती के रूप में व्यवसाय और प्रमुख प्रजातियाँ

 

एलोवेरा की कई प्रजातियां पाई जाती है जिसमे सबसे ज्यादा मशहुर है चैन्सिस, लित्तोराल्लिस, एलो अब्यस्सिनिका. भारत में इसकी मिलने वाली उच्च उत्पादक प्रजातियां है- आईईसी 111271, एएएल1, आईईसी 111269.

इसकी खेती करना बहुत आसान है. एक हेक्टेयर भूमि पर 40 से 50 टन तक पैदावार हो सकती है. इसकी खेती के लिए वर्षा और नम क्षेत्र की आवश्यकता होती है. शुष्क क्षेत्र में भी इसकी खेती की जा सकती है. इसकी खेती के लिए थोड़ी ऊँची जमीन ज्यादा बेहतर है जिससे पानी का ठहराव न हो सके, अन्यथा पौधे को क्षति पहुँच सकती है.

1 हेक्टेयर भूमि पर इसकी खेती के लिए पहले खेत की जुताई करके उसमें 10 टन गोबर की खाद, 150 किलो ग्राम फास्फोरस, 33 किलोग्राम पोटाश और 120 किलोग्राम यूरिया मिलाकर छिडकाव कर, फिर दुबारा से खेत की जुताई के मिट्टी को पौधा रोपण के लिए तैयार कर लिया जाता है.

 

एलोवरा की खेती के लिए स्थान की आवश्यकता

 

पौधा रोपण के लिए क्यारियों को बना कर एक पौधे से दूसरे पौधे के बीच 50 सेंटीमीटर की दूरी रखते हुए पौधों को रोपा जाता है. पौधों को लगाने का सबसे बेहतर समय फ़रवरी-मार्च और जून-जुलाई का महिना है, वैसे इसकी खेती साल भर भी हो सकती है. 1 हेक्टेयर भूमि में लगभग 10,000 तक पौधों को रोपा जा सकता है, पौधों को रोपने के बाद हल्के पानी से सिंचाई करें.

एलोवेरा के पौधों को एक बार लगाकर इसकी फसल को तीन वर्ष तक काटा जा सकता है. पौधा लगने के बाद 8 से 10 महीने में यह कटाई के लिए तैयार हो जाता है. पहले वर्ष में उत्पादन लगभग 50 टन, दुसरे वर्ष में इसके उत्पादन में 15 से 20 प्रतिशत तक की वृद्धि हो जाती है.

 

एलोवेरा की खेती के व्यवसाय में लगने वाली लागत

 

एलोवेरा के व्यावसाय में होने वाली सामग्रियों पर खर्च निम्नवत है-

  • 27500 रुपये प्लांट का खर्च,
  • गोबर के खाद, केमिकल और पौधों की सिचाई में लगने वाला खर्च 8750 रूपये,
  • उत्पादों की पैकिजिंग और श्रम का खर्च 14,500 रूपये लग सकता है.

 

एलोवेरा की खेती के व्यवसाय से लाभ

 

एलोवेरा की खेती के व्यावसाय में आप लगभग 60,000 रूपये तक का निवेश कर 5 से 6 लाख रूपये तक का मुनाफ़ा कमा सकते है. कम लागत में हैण्ड वाश सोप का बिज़नस भी शुरू कर सकते है.

 

एलोवेरा जैल या जूस के रूप में व्यावसाय

 

कटाई के बाद इसके अंदर मौजूद गूदा को निकाल कर इसे मिक्सी से मिला लें और आवश्यकतानुसार पानी भी मिला लें, इससे आप एलोवेरा का जूस या जैल के रूप में भी अपना व्यावसाय शुरू कर सकते है. एलोवेरा के एक पौधे की पत्तीयों के बण्डल से लगभग 400 मिली लीटर तक गूदा निकल सकता है. अगर आप खुद से खेती करते हुए एलोवेरा जूस या जैल का व्यवसाय करते है, तो इससे आपकी आमदनी ज्यादा होगी, अन्यथा आप ऐसे स्थान पर व्यवसाय की शुरुआत करें जहाँ से आप आसानी से कच्चे माल को प्राप्त कर सके.

 

एलोवेरा जैल या जूस व्यावसाय को करने के लिए स्थान की आवश्यकता

 

इस व्यावसाय की शुरुआत जहाँ बिजली का कनेक्शन आसानी से उपलब्ध हो, जल की आपूर्ति हो साथ ही श्रम और परिवहन की उपलब्धता हो, वैसे स्थान पर इस व्यावसाय के लिए जूस या जैल बनाने वाली मशीनों को लगाया जा सकता है. पूरी तरह से इस व्यापार के सेटअप के लिए 1000 वर्ग फीट के कवर क्षेत्र की आवश्यकता पड़ सकती है. बिना ज्यादा स्थान के पेपर प्लेट बनाने का काम भी शुरू किया जा सकता है.

 

एलोवेरा जैल या जूस को निकालने वाले सयंत्र

 

मूल रूप से दो तरह के सयंत्र इसके लिए बाजार में उपलब्ध है एक पूरी तरह से स्वचालित और दूसरी अर्ध स्वचालित. इसे आप ऑनलाइन माध्यम से https://www.indiamart.com/  वेबसाइट से खरीद सकते हैं.

 

एलोवेरा जैल या जूस के व्यावसाय के लिए लाइसेंस और क़ानूनी दस्तावेज़

 

लाइसेंस प्राप्ति की क़ानूनी प्रक्रिया व्यवसाय के स्थान पर निर्भर करती है, हर स्थान का अपना एक क़ानूनी नियम होता है, सामान्यतः कंपनी का रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस राज्य के सरकारी प्राधिकरण द्वारा प्राप्त किया जाता है. अगर आप कॉस्मेटिक उत्पादों के लिए फैक्ट्री स्थापित करते है, तो आपको इसके लिए विशेष लाइसेंस प्राप्त करना होगा.

  • सबसे पहले प्रबंधन पैटर्न के अनुसार अर्थात आप किस तरह का व्यवसाय करने जा रहे है उसका रजिस्ट्रेशन करें.
  • एमएसएमई उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन करें.
  • प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एनओसी में आवेदन करें.
  • इसके अलावा आपके पास पैन कार्ड के साथ वर्तमान बैंक अकाउंट भी होना चाहिए.

 

एलोवेरा जैल या जूस के व्यवसाय में लगने वाली लागत

 

एलोवेरा जूस के व्यवसाय के लिए सरकार 90 फीसदी तक का ऋण देती है साथ ही इस ऋण पर 3 साल तक कोई ब्याज नहीं लेती है. इसके अलावा इस पर 25 फीसदी तक सब्सिडी भी सरकार के द्वारा मुहैया कराई जाती है.

 

एलोवेरा जैल या जूस के व्यवसाय से लाभ 

एलोवेरा के जूस के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में लगभग 6 से 7 लाख तक का निवेश करना पड़ सकता है, मशीन के माध्यम से आप 150 लीटर तक जूस निकाल सकते है, 1 लीटर जूस बनाने में 40 रूपये तक का खर्च आता है इस जूस को अगर आप बाजार में बेचे तो 150 रूपये तक इसका मूल्य मिल सकता है और इस निवेश को करने के बाद आप जूस बेचकर 20 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते है.

 

Final Word

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