जीरा की खेती कैसे करें ( 1102 )

नमस्कार दोस्तों, हमारी वेबसाइट ilimain.com में आपका दिल से स्वागत है। आज की पोस्ट में मैं आपके साथ शेयर करने जा रहा हूँ – जीरा की खेती कैसे करें, Nobita Shizuka Love Pic.

 

जीरा की खेती कैसे करें

 

जीरा की खेती कैसे करें

 

अगर आपके पास खेती करने लायक जमीन है तो आप आसानी से एक लाभदायक बिजनेस उसी जमीन में कर सकते हैं जिसका नाम जीरा फार्मिंग बिजनेस है, जिसे की अंग्रेजी भाषा में क्यूमिन फार्मिंग बिजनेस कहा जाता है। जीरा एक मसाला होता है जिसकी डिमांड देश और विदेशों में भी होती है और इसकी डिमांड कभी भी खत्म नहीं होती है। इसे आप सदाबहार बिजनेस भी कह सकते हैं।

इस बिजनेस की खास बात यह है कि आपका माल हाथों हाथ बिक जाता है और आपको हमेशा अच्छा दाम ही प्राप्त होता है। इसीलिए अगर आपने अपने मन में जीरा फार्मिंग बिजनेस करने का विचार लाया हुआ है तो आपको यह पता कर लेना चाहिए कि जीरा फार्मिंग बिजनेस कैसे किया जाता है। इस पेज पर हम आपको जानकारी देंगे कि “जीरा फार्मिंग बिजनेस क्या है” और “क्यूमिन फार्मिंग बिजनेस कैसे करें।”

जीरा फार्मिंग बिजनेस क्या है?

आप जीरा के बारे में जानते ही होंगे। यह एक प्रकार का मसाला होता है जिसकी खेती की जाती है। जब इसकी खेती व्यापारिक उद्देश्य से की जाती है तो इसे ही जीरा फार्मिंग बिजनेस अर्थात क्यूमिन फार्मिंग बिजनेस कहां जाने लगता है। मसाला होने के नाते जीरे का इस्तेमाल अलग-अलग चीजों में किया जाता है। जैसे कि लस्सी में, छाछ में, सब्जियों में जलजीरा में इत्यादि।

इसीलिए इसकी डिमांड मार्केट में 12 महीने बनी रहती है। अगर आपके पास कुछ जमीन मौजूद है तो आप उस जमीन में जीरा फार्मिंग बिजनेस की शुरुआत कर सकते हैं। यह बिजनेस आपको थोड़े ही समय में काफी तगड़ी कमाई करवाने में सक्षम होता है।

जीरा की खेती कैसे करें?

क्यूमिन फार्मिंग बिजनेस की शुरुआत जीरा की अच्छी वैरायटी का सिलेक्शन करने के बाद होती है। इसके बाद आपको मिट्टी तैयार करनी होती है तथा सिंचाई और खाद पानी की व्यवस्था समय-समय पर करनी होती है। कुल मिलाकर लगातार जीरा फार्मिंग का ध्यान रखते हुए आप इसकी फसल तैयार करते हैं और फिर तैयार फसल को लोकल मार्केट में फुटकर में या फिर होलसेल में बेचकर अच्छी इनकम प्राप्त करते हैं।

जीरा फार्मिंग बिजनेस करने का तरीका

नीचे हमने आपको आसान शब्दों में यह बताया हुआ है कि जीरा फार्मिंग अर्थात की क्यूमिन फार्मिंग बिजनेस कैसे किया जाता है और कैसे इससे फायदा कमाया जाता है।

1: खेत की मिट्टी तैयार करें

जीरा फार्मिंग बिजनेस करने के लिए सबसे पहले आपको खेत की मिट्टी को तैयार करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए आपको मिट्टी पलटने वाले हल के द्वारा गहरी जुताई करवाने की आवश्यकता होती है। हालांकि वर्तमान के समय में खेत की जुताई करने के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल होने लगा है। इसलिए आपको कम से कम 2 से 3 बार अपने खेत की जुताई ढंग से करवानी होती है और उसके बाद पाटा लगा करके आपको खेत को समतल करवाने की भी आवश्यकता होती है।

2: क्यारी तैयार करें

खेत की मिट्टी तैयार करने के पश्चात आपको खेत में 5 से लेकर के 8 फीट की क्यारी तैयार करवाने की आवश्यकता होती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आप जितनी भी क्यारी का निर्माण करें वह सभी एक ही आकार की होनी चाहिए ताकि आपको सिंचाई करने के साथ ही साथ बुवाई करने में भी आसानी हो।

अब आपको प्रति बीघा के हिसाब से 2 किलो बीज तथा 2 ग्राम कीटनाशक दवा को आपस में मिलाकर के बुवाई करनी होती है। आपको हर बीज की बुवाई दूसरे बीज से 30 सेंटीमीटर की दूरी पर करनी होती है। एक सीरीज में बुआई करने के लिए सीड ड्रिल का इस्तेमाल किया जा सकता है।

3: खेतों में खाद डालें

जब आप खेत में बुवाई कर ले तो उसके तकरीबन 22 दिन के पश्चात आपको गोबर की खाद को खेत में मिलाने की आवश्यकता होती है। अगर खेत में कीड़े मकोड़े आ गए हैं तो उन्हें रोकने के लिए आपको फसल की बुवाई करने से पहले अंतिम जुताई के समय क्वीनलफास 1.5 प्रतिशत 20 से 25 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में डालना चाहिए और अच्छी तरह से मिलना चाहिए। ऐसा करने से कीड़े मकोड़े का खात्मा होता है।

अगर आपके द्वारा तकरीबन 15 टन गोबर की खाद खरीफ की फसल में प्रति हेक्टेयर के हिसाब से डाली गई है तो आपको जीरे की फसल के लिए एक्स्ट्रा खाद डालने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं होती है अन्यथा 15 टन प्रति हेक्टेयर के हिसाब से जुताई से पहले आपको अपने खेत में गोबर की खाद को बिखेर कर उसे अच्छी तरह से मिला लेना चाहिए।

इसके साथ ही साथ तकरीबन 30 किलो नाइट्रोजन, 20 किलो फास्फोरस और 15 किलो पोटाश खाद को आपको जीरे की फसल में प्रति हेक्टेयर की दर से देना चाहिए। अगर आपके आसपास कोई अनुभवी किसान है तो आप जीरे की फसल में खाद डालने से संबंधित जानकारी भी उनसे प्राप्त कर सकते हैं।

4: फसल की सिंचाई करें

खेत में जीरे की बुवाई करने के पश्चात आपको तुरंत ही 4 से 5 दिनों के अंदर एक हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए और फिर आपको 10 दिनों के पश्चात दूसरी हल्की सिंचाई करनी चाहिए ताकि जीरे सही प्रकार से अंकुरित हो जाएं। अब आपको आवश्यकता के अनुसार 10 दिन के बाद फिर से हल्की सिंचाई खेत की करनी चाहिए।

इसके बाद आपको 20 दिनों के अंतराल पर खेत की सिंचाई करनी चाहिए। याद रखें कि जब जीरे का दाना पक रहा हो तब आपको खेत को पानी नहीं देना चाहिए क्योंकि अगर आप ऐसा करते हैं तो इसकी वजह से जीरे का बीज हल्का हो जाता है और पैदावार उम्मीद के मुताबिक नहीं हो पाती है।

5: खरपतवार पर नियंत्रण करें

जीरे की फसल बोने के पश्चात अक्सर फसल के अगल-बगल में खरपतवार पैदा हो जाते हैं जिन्हें अगर नहीं हटाया जाता है तो यह फसल को नुकसान करने का काम करते हैं।

इसीलिए खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए आपको बुवाई के पश्चात सिंचाई करने के दूसरे दिन ही खरपतवार नियंत्रण करने वाली दवा को 1 किलो सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर का 5 लीटर पानी में घोल बनाकर एक समान रूप से खेत में छिड़कना चाहिए। इसके पश्चात आपको फसल बोए हुए जब एक महीना बीत जाए तो उसके बाद आपको खेत की गुड़ाई करनी चाहिए।

6: फसल की कटाई करें

जीरे की फसल जब पूरी तरह से तैयार हो जाती है तब पौधा भूरे रंग का हो जाता है। अगर पौधा भूरे रंग का हो गया है तो आपको यह समझ जाना चाहिए कि जीरे की फसल कटाई के लिए बिल्कुल तैयार है। इसलिए आपको इसकी कटाई कर लेनी चाहिए।

आपको पौधे की कटाई करने के बाद इसे अच्छी तरह से धूप में सुखाना चाहिए। जब यह सही प्रकार से धूप में सूख जाए तो उसके बाद आपको थ्रेसर से मंढाई करके दाना अलग कर लेना चाहिए। इसके बाद आपको सभी दाने को तेज धूप में सुखाना चाहिए और दाना सूख जाने के बाद आपको इसका स्टोरेज उचित जगह पर करना चाहिए जहां पर यह खराब ना हो।

जीरा फार्मिंग बिजनेस में कमाई

जीरा फार्मिंग बिजनेस में कमाई इस बात पर डिपेंड करती है कि आखिर आपको कितनी पैदावार प्राप्त हुई है और आपको प्रति कुंटल जीरे का दाम क्या मिल रहा है, क्योंकि हर राज्य में जीरे का दाम प्रति क्विंटल अलग अलग होता है।

जीरे की खेती करने में लगभग ₹30000 से लेकर के ₹32000 के आसपास में टोटल खर्च आता है और जीरे के दाने का भाव ₹100 प्रति किलो अगर होता है तो आपको प्रति हेक्टेयर के पीछे आसानी से ₹40000 से लेकर के ₹42000 प्राप्त हो सकते हैं।

हालांकि जहां पर जीरे का प्रति कुंटल दाम अधिक है वहां पर आपको अधिक फायदा भी प्राप्त हो सकता है और जहां पर जीरे का प्रति क्विंटल दाम कम है वहां पर आपको थोड़ा कम फायदा प्राप्त हो सकता है।

जीरा फार्मिंग बिजनेस में लागत

जीरा फार्मिंग बिजनेस में कितना इन्वेस्टमेंट लग सकता है यह खेत के आकार के ऊपर साथ ही सिंचाई, डीजल, कर्मचारियों इत्यादि के ऊपर डिपेंड करता है।

अगर अंदाजित तौर पर इस बिजनेस में इन्वेस्टमेंट के बारे में बात की जाए तो आपको सभी चीजों को मिलाकर के तकरीबन 50000 से लेकर के ₹68000 का इन्वेस्टमेंट करना पड़ सकता है।

हालांकि अगर आप अधिक खेत में इस बिजनेस को करते हैं तो आपको अधिक इन्वेस्टमेंट करना पड़ेगा। इसीलिए जब आप वास्तविक तौर पर इसका बिजनेस चालू करेंगे तो ही आपको यह पता चलेगा कि आखिर जीरा फार्मिंग बिजनेस में कितनी लागत लगती है।

जीरा फार्मिंग बिजनेस में कर्मचारी

अधिकतर इस प्रकार के बिजनेस में आपको कर्मचारी रखने की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि आप और आपके घर वाले ही जीरा फार्मिंग बिजनेस को संभाल लेते हैं परंतु अगर आपके पास घर में काम करने के लिए व्यक्ति नहीं है तो आप कर्मचारियों को अपनी आवश्यकता के हिसाब से नौकरी पर रख सकते हैं।

नौकरी पर रखने से पहले कर्मचारियों की तनख्वाह के बारे में पक्की बातचीत कर ले ताकि किसी भी प्रकार के विवाद से आप बचे रहें। आप खेत के आकार के हिसाब से कर्मचारियों को नौकरी पर रख सकते हैं।

अगर आप जीरा फार्मिंग बिजनेस को 1 से 3 बीघा में कर रहे हैं तो आपको अपने अलावा एक अन्य कर्मचारी को नौकरी पर रखने की आवश्यकता होगी और 3 बीघा से अधिक में खेती अगर आपके द्वारा की जा रही है तो आपको अपने अलावा दो से तीन अन्य कर्मचारियों को नौकरी पर रखने की आवश्यकता होगी।

जीरा फार्मिंग बिजनेस में जोखिम

जीरा फार्मिंग बिजनेस में जितना फायदा है उतना ही इसमें जोखिम भी है, क्योंकि जीरा फार्मिंग बिजनेस के अंतर्गत जब आप जीरा की फसल तैयार करते हैं तो फसल तैयार होने के पहले ही अथवा तैयार होने के दरमियान हीं कीड़े मकोड़े फसल को नुकसान करने के लिए तैयार हो जाते हैं जिसकी वजह से फसल को नुकसान होता है।

इसलिए आपको समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करने की आवश्यकता होती है। इसके अलावा अगर आप जब जीरा के दाने अंकुरित हो रहे हो तभी इसकी सिंचाई कर देते हैं तो इससे भी बीज हल्का होने की संभावना काफी अधिक हो जाती है, जिससे फसल की पैदावार इच्छा के मुताबिक नहीं होती है।

इसके साथ ही अगर आप खरपतवार पर नियंत्रण नहीं करते हैं तो यह भी जीरा की फसल को नुकसान पहुंचाने का काम करता है। इसीलिए इसके जोखिम के बारे में जाने और हमेशा अलर्ट रहें।

जीरा फार्मिंग बिजनेस में साधन

इस बिजनेस में फसल की सिंचाई करने के लिए आपके पास डीजल इंजन अथवा पानी खींचने वाली मोटर होनी चाहिए ताकि आप समय-समय पर फसल की सिंचाई कर सकें।

इसके अलावा आपके पास कीटनाशक का छिड़काव करने के लिए स्प्रे मशीन होनी चाहिए तथा खेत की गुड़ाई करने के लिए आपके पास फावड़ा और अन्य सामग्री मौजूद होनी चाहिए। इसके अलावा इस बिज़नेस में अगर अन्य कोई सामान की आवश्यकता होती है तो वह भी आपके पास होना चाहिए साथ ही तैयार माल को मार्केट तक भेजने के लिए आपके पास गाड़ी भी होनी चाहिए।

जीरा फार्मिंग बिजनेस की मार्केटिंग

जीरा फार्मिंग बिजनेस खेती से संबंधित एक बिजनेस होता है जिसके अंतर्गत जब जीरा की पैदावार हो जाती है तब आपको इसे बेचने के लिए ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती है, ना हीं आपको इस बिजनेस की ज्यादा मार्केटिंग करने की आवश्यकता होती है।

आपको बस तैयार फसल को ले जा कर के अपने पास की मंडी में बेच देना होता है क्योंकि हर ग्रामीण और शहरी इलाके में ऐसा स्थान होता है जहां पर फसलों की खरीदी और बिक्री की जाती है। इसलिए इस बिजनेस के तहत आपको अपने उत्पाद का लाभ प्राप्त करने की ज्यादा चिंता नहीं करनी होती है।

जीरा फार्मिंग बिजनेस के लिए दस्तावेज

जीरा की खेती करने के लिए आपको किसी भी प्रकार के लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती है परंतु जब आप अपना माल मंडी में बेचने के लिए जाते हैं तो आपको अपने माल का नगद पैसा प्राप्त होता है। हालांकि कुछ जगह पर बेची गई फसल की कीमत किसानों के बैंक अकाउंट में दी जाती है।

इसीलिए आपके पास अपना खुद का बैंक अकाउंट होना चाहिए और आधार कार्ड भी होना चाहिए साथ ही बैंक अकाउंट से लिंक फोन नंबर होना चाहिए ताकि जब आपके पैसे आपको अपने बैंक अकाउंट में प्राप्त हो तो उसकी सूचना आपको फोन नंबर के द्वारा प्राप्त हो जाए।

FAQ

Q: जीरा फार्मिंग बिजनेस को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?

ANS: क्यूमिन फार्मिंग बिजनेस

Q: जीरा फार्मिंग बिजनेस से कितना पैसा कमा सकते हैं?

ANS: यह जीरा की पैदावार के ऊपर और जीरा की प्रति क्विंटल की कीमत के ऊपर निर्भर करता है।

Q: एक बीघा में जीरा कितना होता है?

ANS: 7-8 क्विंटल

Q: जीरा की खेती कौन से महीने में की जाती है?

ANS: अक्टूबर से नवंबर महीने के बीच

Q: जीरा की खेती कहाँ होती है?

ANS: ठंडे इलाके में

Q: राजस्थान में जीरे की खेती के लिये कौन सा जिला प्रसिद्ध है?

ANS: जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, पाली, नागौर

 

Final Word

मुझे उम्मीद है दोस्तों, कि आपको हमारी आज की पोस्ट पसन्द आई होगी। अगर पोस्ट पंसद आई हो तो इस पोस्ट को शेयर कीजिये। और कमेंट जरूर करें।

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